क्यों लिया फैसला बिना पैसो के यात्रा करने का
कहीं से मदद नहीं मिली
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इस यात्रा को करने के लिए मुझे पैसों की जरूरत थी।
जैसा कि मैंने आपको पहले बताया कि मेरे पास कोई पैसे कमाने के जरिए नहीं थे और जो
थोड़े बहुत पैसे आ रहे थे कहीं से भी, उससे मेरा घर चल रहा था तो मैंने अपने
दोस्तों से बात करी, क्राउड फंडिंग (Crowd Funding) के प्लेटफार्म का इस्तेमाल किया, कई लोगों से बात करी, स्पोन्सर (Sponser) ढूंढे, बहुत सारी एनजीओ (NGO) को
मेल भेजा, कई साइकिल कंपनियों को
मेल भेजा। बहुत जगह जहां जहां पर संपर्क कर सकता था मैंने किया| पर किसी ने भी कोई
जवाब नहीं दिया। करीबी दोस्तों ने सुनकर अनसुना कर दिया या जानबूझकर अनजान बन गए।
पर वह चाहते तो थोड़े थोड़े पैसों से मेरी मदद कर सकते थे|
जैसा कि मैंने आपको पहले बताया कि मेरे पास कोई पैसे कमाने के जरिए नहीं थे और जो
थोड़े बहुत पैसे आ रहे थे कहीं से भी, उससे मेरा घर चल रहा था तो मैंने अपने
दोस्तों से बात करी, क्राउड फंडिंग (Crowd Funding) के प्लेटफार्म का इस्तेमाल किया, कई लोगों से बात करी, स्पोन्सर (Sponser) ढूंढे, बहुत सारी एनजीओ (NGO) को
मेल भेजा, कई साइकिल कंपनियों को
मेल भेजा। बहुत जगह जहां जहां पर संपर्क कर सकता था मैंने किया| पर किसी ने भी कोई
जवाब नहीं दिया। करीबी दोस्तों ने सुनकर अनसुना कर दिया या जानबूझकर अनजान बन गए।
पर वह चाहते तो थोड़े थोड़े पैसों से मेरी मदद कर सकते थे|
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खुद को जाँचने (Check) का मौका मिला
मुझे लगा कि यह
परिस्थितियां मेरी यात्रा को रोकने के लिए है, क्योंकि बिना पैसों के तो यात्रा हो
नहीं सकती। तभी मैंने सोचा कि यह यात्रा तो होकर रहेगी पैसा हो या ना हो| देखता हूं
मैं कहां तक पहुंच सकता हूं बिना पैसों के। क्या हिंदुस्तान में इंसानियत आज भी
जिंदा है? लोग कहते है बिना पैसों के कुछ नहीं हो सकता ! तो मुझे इस बात को भी चेक
करना था और जैसा कि कुछ लोग मेरे लिए कहते हैं कि मुझ में थोड़ी-सी समझ है या
मैंने उनसे ज्यादा दुनिया देखी है और मुझे भी जो अपने ऊपर विश्वास है, तो मुझे यह
जानना भी जरूरी था कि क्या ये सब सच है, क्या सच में मुझमें कुछ दम है!
क्या मैं बिना पैसों
के साइकिल यात्रा कर सकता हूँ? कशमीर से कन्याकुमारी तक! मुझे भी अपने आपको जानने
का, क्रॉस चेक (cross check) करने का
मौका था | क्या सच में मैं ईमानदार हूँ? सच में मैं लोगों का विश्वास जीत सकता हूँ।
सच में मैं कुछ बुद्धि रखता हूं कि मैं बिना पैसों के सुरक्षित यात्रा को पूरी
करके अपने घर आ सकूं। लोगों तक अपना संदेश पहुंचा कर सही ढंग से सम्मान के साथ
वापस आ सकता हूँ ।
परिस्थितियां मेरी यात्रा को रोकने के लिए है, क्योंकि बिना पैसों के तो यात्रा हो
नहीं सकती। तभी मैंने सोचा कि यह यात्रा तो होकर रहेगी पैसा हो या ना हो| देखता हूं
मैं कहां तक पहुंच सकता हूं बिना पैसों के। क्या हिंदुस्तान में इंसानियत आज भी
जिंदा है? लोग कहते है बिना पैसों के कुछ नहीं हो सकता ! तो मुझे इस बात को भी चेक
करना था और जैसा कि कुछ लोग मेरे लिए कहते हैं कि मुझ में थोड़ी-सी समझ है या
मैंने उनसे ज्यादा दुनिया देखी है और मुझे भी जो अपने ऊपर विश्वास है, तो मुझे यह
जानना भी जरूरी था कि क्या ये सब सच है, क्या सच में मुझमें कुछ दम है!
क्या मैं बिना पैसों
के साइकिल यात्रा कर सकता हूँ? कशमीर से कन्याकुमारी तक! मुझे भी अपने आपको जानने
का, क्रॉस चेक (cross check) करने का
मौका था | क्या सच में मैं ईमानदार हूँ? सच में मैं लोगों का विश्वास जीत सकता हूँ।
सच में मैं कुछ बुद्धि रखता हूं कि मैं बिना पैसों के सुरक्षित यात्रा को पूरी
करके अपने घर आ सकूं। लोगों तक अपना संदेश पहुंचा कर सही ढंग से सम्मान के साथ
वापस आ सकता हूँ ।
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तो यह एक चेक करने का मौका था और पैसों को लेकर मैं बहुत नाराज
हो गया था। पैसा इतनी बड़ी चीज हो गई! कोई आदमी कुछ काम करने जा रहा है। अलग हटके
कर रहा है और उसको उसके जानने वाले लोग भी मदद नहीं कर रहे हैं| तो मुझे लगा कि
पैसा मुझे रोक नहीं सकता यह यात्रा करने से। मैं तो करके ही रहूंगा, इसलिए मैं बिना
पैसों के इस यात्रा को शुरू किया।
हो गया था। पैसा इतनी बड़ी चीज हो गई! कोई आदमी कुछ काम करने जा रहा है। अलग हटके
कर रहा है और उसको उसके जानने वाले लोग भी मदद नहीं कर रहे हैं| तो मुझे लगा कि
पैसा मुझे रोक नहीं सकता यह यात्रा करने से। मैं तो करके ही रहूंगा, इसलिए मैं बिना
पैसों के इस यात्रा को शुरू किया।
मैं आपको आगे बताऊंगा कि मैं जब घर से चला तो
मेरे पास कितने पैसे थे और क्या सिचुएशन थी। आगे जाकर बीच-बीच में मैं आपको बताऊँगा।
बहुत सारी बातें आपको मैं बताता रहूंगा।
मेरे पास कितने पैसे थे और क्या सिचुएशन थी। आगे जाकर बीच-बीच में मैं आपको बताऊँगा।
बहुत सारी बातें आपको मैं बताता रहूंगा।
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-Rakesh Sharma
Solo Cyclist
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