~ Travel and Knowledge ~

Mistakes are proof you are trying.


Cycle blog 6 : ची-ची माता के मन्दिर की तलाश

कश्मीर से कन्याकुमारी साईकिल से – 

पहला दिन : 5 November  2019

Blog no. 6

(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});


    लगभग 7 से 8 किलोमीटर मैंने साइकिल (Cycle) चलाई, मुझे मंदिर नहीं
दिखा। मुझे लगा शायद वह पीछे छूट गया। शायद मैंने गलत समझ लिया। वह कहीं और है और
मैं थोड़ा परेशान हुआ। तभी ही थोड़ी दूर और आगे जाने के बाद हाईवे के ऊपर एक बड़ा
मंदिर आया। मंदिर का नाम है, चीची माता का मंदिर। 

Kashmir to Kanyakumari by cycle

     आप जब भी कभी जम्मू-कश्मीर जाएँ, बाय रोड इस मंदिर में जरूर जाना। बहुत ही अच्छा मंदिर है। तो मैं उस मंदिर के आगे
रुका। वहाँ पर भी भारतीय सेना के जवान थे। उन्होंने मेरी
साइकिल (cycle) देखी, बोर्ड पढ़ा, जो
साइकिल (cycle) के ऊपर मैंने लगाया था। मैंने उनको अपने बारे में बताया और मैंने उनको बताया
कि पीछे गुरुद्वारे पर जो सेना के जवान थे उन्होंने मुझे यहाँ के बारे में बताया
कि यहाँ मुझे रहने की जगह मिल सकती है। जवानों ने कहा आप रुको, हम अंदर जाकर बात
करते हैं। 

(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});

Kashmir to Kanyakumari by cycle

     उन्होंने मेरी साइकिल (cycle) को एक साइड में खड़ा करवाया। उन्होंने मंदिर
प्रबंधक से बात करी, वह लोग बाहर आए। उन्होंने मुझे और मेरी साइकिल (cycle) को देखा। फिर वह
लोग अंदर गए। उन्होंने आपस मे बात करी। उन्होंने कहा आप रुक सकते हो। और मैने मंदिर
के अंदर प्रवेश किया। अभी तक मैं मंदिर के बाहर ही था। 

(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});

    उन्होंने कहा कि साइकिल
आप यहाँ खड़ी कर दो बाहर की तरफ। पर मुझे साइकिल (cycle) की सबसे ज्यादा चिंता थी। साइकिल (cycle) चोरी होने का डर नहीं था। साइकिल (cycle) के ऊपर जो चीजें लगी हुई थी, जैसे
स्पीडोमीटर, होंरन और जो साइकिल के गियर के बटन थे। उन्हें कुछ लोग जिज्ञासा
वश छेड़ते थे जिससे कि उनके खराब होने का डर था।

Kashmir to Kanyakumari by cycle


(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});

     पर उसी वक्त उन्हीं जवानों में से
एक जवान ने मंदिर प्रशासन के एक सदस्य से कहा कि हम इनकी
साइकिल 
(cycle) को क्यों ना मंदिर
के अंदर की तरफ खड़ी करवाएं, वहाँ सुरक्षित रहेगी! उन्होंने कहा ठीक है। उन्होंने
मुझे इज़ाजत दी और
साइकल 
(cycle) मंदिर के अंदर की तरफ एक सुरक्षित स्थान पर खड़ी करवाई। 

(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});

    उसके बाद उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या हम आपके बैग चेक कर सकते हैं? मैंने कहा
जरूर उन्होंने बैग को चेक किया और मुझे अंदर रुकने के लिए इज़ाजत दी। 



Cycle Blog Rakesh Sharma

(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});

Leave a Reply

Blog at WordPress.com.

%d bloggers like this: