कश्मीर से कन्याकुमारी साईकिल से –
पहला दिन : 5 November 2019
Blog no. 9
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अब थोड़ी सी
परेशानी हो रही थी कि अब जमीन ठंडी लग रही थी। तभी वह इधर-उधर घूमने लगे और कहीं
से वह दो गद्दे ढूंढ के लाए। कहीं से उन्हे हाल का दरवाजा खुला हुआ मिल गया और
वहां से दो कंबल भी निकाल कर लाए एक मेरे लिए और अपने लिए।
परेशानी हो रही थी कि अब जमीन ठंडी लग रही थी। तभी वह इधर-उधर घूमने लगे और कहीं
से वह दो गद्दे ढूंढ के लाए। कहीं से उन्हे हाल का दरवाजा खुला हुआ मिल गया और
वहां से दो कंबल भी निकाल कर लाए एक मेरे लिए और अपने लिए।
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अब मेरे पास ओड़ने के
लिए दो कंबल थे और नीचे बिछाने के लिए गद्दा था जिस व्यक्ति ने मुझे कहा कि आप दरी
फैला लो और जिसकी वजह से मुझे जमीन ठंडी लग रही थी। थोड़ी देर बाद उसी व्यक्ति ने मुझे
कहीं से गद्दा लाकर दिया।
लिए दो कंबल थे और नीचे बिछाने के लिए गद्दा था जिस व्यक्ति ने मुझे कहा कि आप दरी
फैला लो और जिसकी वजह से मुझे जमीन ठंडी लग रही थी। थोड़ी देर बाद उसी व्यक्ति ने मुझे
कहीं से गद्दा लाकर दिया।
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कुछ समय पहले उनके मोबाइल की बैटरी खत्म हो गई थी तो
मैंने अपने पावर बैंक से उनका मोबाइल चार्ज किया जिस की वजह से उन्होंने अपने घर
पर बात करी और मैं हैरान था कि वह बोल सुन नहीं सकते थे। उन्होंने घर पर फोन करके।
कुछ अपनी जो जिस तरीके की आवाज निकाल सकते तो उस तरीके से एक संदेश दिया। काफी देर
हम लोगों ने आपस में बात करी।
मैंने अपने पावर बैंक से उनका मोबाइल चार्ज किया जिस की वजह से उन्होंने अपने घर
पर बात करी और मैं हैरान था कि वह बोल सुन नहीं सकते थे। उन्होंने घर पर फोन करके।
कुछ अपनी जो जिस तरीके की आवाज निकाल सकते तो उस तरीके से एक संदेश दिया। काफी देर
हम लोगों ने आपस में बात करी।
उन्होंने बताया कि उनकी बाइक का एक्सीडेंट हो गया था
मंदिर से थोड़ा सा पहले सुबह उठकर अपनी बाइक ठीक करा कर वह अपने गांव जाएंगे।
उन्होंने बताया मुझे कि उनके बच्चे बड़े हैं। उनकी फोटो भी दिखाई। और इस तरीके से
मेरी पहली रात मंदिर में गुजरी बिना पैसों के।
Cycle Blog Rakesh Sharma
मंदिर से थोड़ा सा पहले सुबह उठकर अपनी बाइक ठीक करा कर वह अपने गांव जाएंगे।
उन्होंने बताया मुझे कि उनके बच्चे बड़े हैं। उनकी फोटो भी दिखाई। और इस तरीके से
मेरी पहली रात मंदिर में गुजरी बिना पैसों के।
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