कश्मीर से कन्याकुमारी साईकिल से –
पहला दिन : 5 November 2019
Blog no. 2
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यह उस समय बहुत खतरनाक हो जाता है, जब आप एक ऐसी ढलान से उतर रहे हो, जिसकी एक तरफ पहाड़ और एक तरफ गहरी खाई हो। और सिंगल रोड हो, सामने से अचानक कभी भी कोई भी वाहन आ सकता है। और बहुत तेजी से मोड़ हो तो। जब भी यह ढलान तेज हुई कटरा से जम्मू की तरफ शुरुआत में तो मुझे डर लगने लगा। साइकिल के आगे पीछे दोनों डिस्क ब्रेक थे। उसको लगाने के तरीके पर बहुत ध्यान देना पड़ा। हमेशा इस बात का ध्यान रखना पड़ा की पीछे की ब्रेक पहले लगे। और एक वक्त ऐसा आया कि इतनी तेज मोड़ था, इतना तेज था कि मुझे किसी भी हालत में रुकना पड़ा।
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4 responses to “Kashmir to Kanyakumari by cycle blog 2”
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राकेश जी, आपमें वो कौन सी ऊर्जा इस समय काम कर रही होगी ये मुझे बार बार सोचने पर मजबूर कर देता है। कभी कभी मैं यही सोचता हूँ कि काश उन दिनों मैं भी आपके संग यात्रा पर होता। पर ऐसी यात्रा पर निकलना कोई आसान काम नही है। इसके लिए दृढ़ संकल्प और प्राकृतिक प्रेम नितांत आवश्यक है जो बहुत ही कम लोगो मे पाया जाता है। मैं आपके उस पल को भी अनुभव करता हूँ जब आप कन्याकुमारी पहुँचकर भारत का तिरंगा लहराया था। आपके हृदय में उस समय अलौकिक आनन्द की तरंगों का संचार हुआ होगा।
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आपके इन शब्दों के लिए धन्यवाद। इस तरह की प्रशंसा से मेरा मनोबल बढ़ता है। मेरी इस यात्रा का अनुभव अद्भुत है। इसीलिए मैंने ये ब्लॉग लिखना शुरू किया है। बहुत ही जल्द मैं एक पुस्तक भी प्रकाशित करने वाला हुँ।
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Bohot acche se varnan kiya sir blog mai
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Thank You for reading my blog.
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