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Cycle Blog no. 13 : अजनबी लोग

कश्मीर से कन्याकुमारी साईकिल से – 

दूसरा दिन : 6 November  2019

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Blog no. 13

फिर एक खाली इलाका आया, मतलब दोनों तरफ सुनसान इलाका था। बीच-बीच में छोटे-छोटे घर आते रहते थे। लगभग 12-12:30 बज चुके थे दोपहर के।
Kashmir to Kanyakumari cycling blog rakesh sharma
तभी मैंने सड़क के किनारे एक बड़ा सा ट्रक खड़ा हुआ देखा। उस ट्रक के पास बहुत सारा सामान रखा हुआ था। घर का सामान, बड़े-बड़े संदूक, कई सारे थे और बहुत सारी भेड़ और बकरियाँ थी। ज्यादातर उन में भेड़ थी और बहुत सारे लोग थे। लगभग 10 से 12 औरतें, 15 से 20 आदमी और कुछ बच्चे भी थे।
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वह सब वहाँ पर ईंट-पत्थरों का चूल्हा बना कर उन पर खाना बना रहे थे। बहुत ही खूबसूरत दृश्य था और बहुत ही अच्छी खुशबू आ रही थी खाने की। मैं चाह रहा था कि मैं रुक कर इनसे बात करूं। कुछ कदम उनसे मैं आगे चले गया।

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वहाँ पर सड़क ऊंचाई की तरफ जा रही थी और मैं काफी पीछे से ऊँचाई वाली सड़क पर साइकिल (Cycle) चला रहा था, चढ़ान पर, तो थक चुका था। पसीना भी आ रहा था, धूप भी तेज लग रही थी। तो वहीं पास में पानी का एक टैंकर खड़ा था।मैंने वहाँ से हाथ मुँह धोया, पानी पिया, अपनी बोतल में पानी भरा।

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किसी से मैंने पूछा यह पानी पीने के लिए है? उसने कहा यह पानी पीने योग्य है। तब हाथ मुंह धो कर, 5 मिनट रूक कर मैं वापस आया। मुझे लगा कि मुझे इन से बात करनी चाहिए। मैंने अपनी साइकल (Cycle) उन लोगों के पास जाकर रोक दी।

Cycle Blog Rakesh Sharma

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