कश्मीर से कन्याकुमारी साईकिल से –
दूसरा दिन : 6 November 2019
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Blog no. 15
हो! यह इतना सारा सामान और ये ट्रक यहाँ कैसे। उस लड़के ने जवाब दिया कि हम खानाबदोश
लोग हैं। हम लोग 6 महीने कश्मीर में रहते हैं और जब वहाँ बर्फ पड़ती है, जब हमारे
मवेशियों के लिए वहाँ पर चारा नहीं होता और सिर्फ बर्फ ही बर्फ होती है, तो
सर्दियां शुरू होते ही हम लोग जम्मू में आ जाते हैं और लगभग पांच-छह महीने तक हम
लोग यहीं पर रहते है और उसके बाद फिर हम वहाँ चले जाते हैं। फिर 6 महीने बाद यहाँ वापस आ जाएंगे और यह
सिलसिला चलता रहता है। इसलिए हमे खानाबदोश कहते हैं। यह सुनकर मैं बहुत ही
हैरान हुआ।

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मेरा अगला सवाल था कि तो आप लोग पैसे कमाने के लिए क्या करते हो, जब आप यहाँ पर आते हो? तब उस लड़के ने मुझे जवाब दिया कि हम लोगों की कुछ ज़मीन
यहाँ पर भी होती है? हम यहाँ पर भी काम करते हैं। कोई बढ़ई का काम करता है, कोई मिस्त्री का काम करता है, कोई मवेशियों को चारा खिलाता है, औरतें घर का काम संभालती है। इस तरीके से हम लोगों की जिंदगी
चलती है।
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मैंने उनसे पूछा तो आपके बच्चे स्कूल कैसे जाते हैं? जब आप 6 महीने वहाँ रहते हो और 6 महीने यहाँ पर रहते हो। उस लड़के ने मुझे जवाब दिया हमारे कुछ परिवार
यहीं पर रहते हैं और जो पढ़ने वाले बच्चे हैं वह यहीं पर उनके साथ यहीं पर रहते हैं और बड़े लोग जो
होते हैं वह वहाँ पर जाकर खेती-बाड़ी करते हैं। मवेशियों को चराते हैं।
मैंने उनसे
कहा जो बच्चे पढ़ लिखकर बड़े हो जाते हैं तो क्या वह आप लोगों की तरह ही जिंदगी
जीते हैं या उनका मन करता है कि वह शहर की आधुनिक जिंदगी जिये। तब उस लड़के ने
मुझे बताया कि हम लोगों के बच्चे भी इसी तरह की जिंदगी जीते हैं। हम लोगों को
शहरों की जिंदगी पसंद नहीं है। वहाँ पर
बहुत प्रदूषण है, वहाँ पर बहुत शोर है, लोग बहुत जल्दी में रहते हैं, लोग एक दूसरे की परवाह नहीं करते हैं तो हमें यह जिंदगी
ज्यादा पसंद है। कुदरत के करीब, साफ हवा
और हम लोग खुश हैं।
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Video Link |
तब मैंने उनसे कहा कि सच्चे यात्री आप ही हो (The True Traveler)। मैंने कहा मुझे भी आप जैसे
लोगों की जिंदगी पसंद है। खानाबदोशों वाली, मेरा यह सौभाग्य है और मैं बहुत खुश हूँ कि मैं खानाबदोश लोगों से मिल रहा हूँ, उनसे बात कर रहा हूँ। नहीं तो मैंने आज तक
खानाबदोश लोगों के बारे में या तो फिल्मों में देखा था या किताबों में ही पड़ा था।
मैंने उस लड़के से कहा क्या मैं अंदर जाकर आप लोगों के बीच में करीब से देख सकता हूँ, कुछ फोटो ले सकता हूँ, विडियो बना सकता हूँ। तो उस लड़के ने कहा जरूर, तो मैं अंदर की
तरफ गया जहाँ पर उनका पूरा परिवार बैठा हुआ था। खुले में खाना बन रहा था। मैंने देखा
खाने में आलू गोभी की सब्जी बन रही थी। पर वह अभी अभी रखी गई थी आग के ऊपर, तो मैंने
उनसे कहा कि अगर खाना जल्दी बन रहा होता तो मैं आपके साथ खाना खाकर जरूर जाता।
और इस सब के दौरान मेरा कैमरा ऑन था जिससे मैंने विडियो बनाया और मेरे यूट्यूब
चैनल (RakeshSharma)
पर वह विडियो अपलोड है। अगर आप चाहें तो आप देख सकते हैं। फिर मैंने उन लोगों से विदा ली और मैं आगे की तरफ चलने लगा।
Cycling Blog Rakesh Sharma
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