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Cycle blog 20 : तीसरे दिन की शुरूआत

कश्मीर से कन्याकुमारी साईकिल से – 

तीसरा दिन : 7 November  2019

Blog no. 20

     
मैने अपनी दूसरी रात शीतला माता मन्दिर में गुजारी। सूबह मैं लगभग 8 या 8.30 बजे यहाँ से निकल गया। आज मैं आराम से जालन्धर पहुँच जाऊँगा। शाम तक मैने जालन्धर पहुँच जाना है क्योंकि दूरी ज्यादा नहीं है पर फिर भी अगर आप साइकल (cycle) से दूरी देखो तो दूरी है। पर जितनी लम्बी दूरी तय करने का मेरा लक्ष्य है उसके आगे ये दूरी बहुत ही छोटी है। मौसम बिलकुल साफ था, ठण्ड कम थी। धूप निकल चकी थी, शरीर में साइकल चलाने की वजह से ही गरमी हो चकी थी। इसलिए बीच बीच में जो मैंने मास्क (Mask) पहना हआ था उसको मुझे उतारना पड़ता था गरमी की वज़ह से।

cycling for Temple of Sheetla Mata with mask
Temple of Sheetla Mata

     एक बात का ज़िक्र करना रह गया था कि जब मैं कटरा से चला था साइकल (cycle) से तो जो ढ़लान पर ठण्डी हवा मेरी नाक पर लगी उसकी वज़ह से मुझे जुखाम हो गया था। तो जो जुखाम मझे कटरा में लगा था वो अभी तक चल रहा है। अब अगर मैं मास्क लगाता हूँ तो गरमी लगती है और अगर मास्क हटाता हूँ तो ठण्डी हवा से मेरी नाक बहने लगती है। मतलब इस जुखाम ने मझे परेशान कर रखा है। धूप निकलने पर कम हो जाता है ठण्डी हवा से बढ़ जाता है। ची-ची माता मन्दिर मे मैं नहाया नही था पर  (Temple of Sheetla Mata) मे मुझे अच्छा बाथरूम मिल गया था तो मैं वहाँ पर नहा भी लिया था। क्योंकि वो बाथरूम काफी साफ सुथरा बाथरूम था।


by cycle sarson ke khet, dasua, jalandhar,

      अब मैं जालन्धर की तरफ बढ़ रहा था दसुआ होते हुए। दसुआ जालन्धर की काफी मशहूर जगह है। मैं जिस सड़क पर चल रहा हूँ इस समय, मेरे एक तरफ रेलवे ट्रेक (railway track) है और दूसरी तरफ खेत हैं। पक्का तो नही पता पर शायद सरसों के खेत हैं, उसमे पीले-पीले फूल भी हैं। कुछ किलोमीटर दूर साइकल (cycle) चलाने के बाद एक बहुत ही सुन्दर नज़ारा आया जिसकी मैने कुछ तस्वीरें भी लीं और एक वीडियो भी बनाया। मेरे सीधे हाथ पर रेलवे ट्रेक है और दूसरी तरफ वेटिग लाउन्ज (waiting lounge) है, जो सरकार (government) ने लोगों के बैठने के लिए बनाया था चौपाल जैसा। मुझे वहाँ बहुत अच्छा लग रहा था इसलिए मै वहाँ कुछ देर के लिए बैठ गया और उस नज़ारे का मज़ा लेने लगा।

      इस जगह से थोड़ा पहले ही मैंने एक गन्ने वाला देखा था तो मैने उससे गन्ने का जूस भी पीया था। वहाँ भी मैने थोड़ी देर आराम किया था। वहाँ कुछ और लोग भी आए थे जूस पीने के लिए। वो लोग मेरी साइकल (cycle) को देख रहे थे पर उन्होंने मुझसे कोइ बात नहीं करी। हालांकि वो जैसे मुझे देख रहे थे उससे मुझे अहसास हो रहा था कि इनके मन में बहुत से सवाल थे पर वो हिचक रहे थे। मैं भी कुछ थका हुआ था और दूसरा मुझे जुखाम ने भी परेशान कर रखा था। इसलिए मैं भी उनसे बात शुरू नहीं कर पाया।

benefits of best bicycle blog
My Best Friend

     मैं जहाँ शेड मे बैठ हुआ था, चैपाल जैसी जगह पर, वहाँ पर अचानक से एक सफेद रंग की एक स्कूटी (activa scooter) आकर रूकी। उस स्कूटी पर एक 20-21 साल का लड़का था। उसने मेरे आगे आकर जैसे अपनी स्कूटी रोकी मैं समझ गया था कि ये मेरे लिये ही आया है शायद मुझे ढूढ़ता हुआ। मुझे लगा शायद मेरा कोई सामान पीछे गिर तो नहीं गया। 

    वो लड़का मेरे सामने आकर बैठ गया और उसने मुझसे बातचीत शुरू कर दी। आप कहाँ से आये हो, कहाँ जा रहे हो, वो बोला। उसने कहा कि मैंने पीछे भी आपको देखा था दो-तीन बार। मैंने कहा दो-तीन बार मतलब, तो उसने बताया कि मैं अपने स्कूटी पर घूम रहा था तो आपको देखा था दो-तीन बार साइकल (cycle) पर आज ही। वो लड़का काफी उत्साहित लग रहा था पर पता नहीं क्यों मुझे कुछ परेशान लग रहा था। फिर उस लड़के से बात करते करते हुए मुझे पता लगा कि वो लड़का अपने घर वालों से लड़कर घर से निकला हुआ है और वो एक रात हिमाचल मे चिंतपूरणी माता मन्दिर (Temple of Chintpurni  Mata) मे गुज़ार कर आया है और अब वो जालन्धर जा रहा है। उस लड़के ने हेल्मेट भी नहीं लगा रखा था। बस गुस्से में घर से आ गया था। मुझे लग रहा था कि उसके पास मोबाइल (Mobile) नहीं है क्योंकि 10-15 मिनट की बातचीत के दौरान न उसने अपना फोन निकाला न कोई फोन आया। न उसने सेल्फी (Selfie) लेने की बात करी, न मेरा नम्बर लिया।
     उसने बताया था कि वो पहले भी ऐसे घर से बाहर जा चुका है। बाद में जब गुस्सा शान्त हुआ तो घर वापस चला जाता है। इस बार भी वो गुस्से मे अपनी स्कूटी लेकर निकल आया है। उसने पूछा कि आप क्या करते हो, प्रोफ़ेशनली (professionally) क्या करते हो। जो आप कर रहे हो उसमें आपका परिवार आपको सहयोग करता है कि नहीं और आपका परिवार क्या सोचता है साइकल (cycle) के बारे मे । तो मैं समझ गया था कि वो अपने परिवार को लेकर या परिवार से परेशान है या कहूँ कि वो अपने परिवार से सन्तुष्ट नहीहै क्योकि उसके ज्यादातर सवाल परिवार को लेकर ही थे।

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