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पितृ दोष के लक्षण कौन से है ? / Symtoms of Pitra Dosh

पितृ दोष के लक्षण कौन से होते है ?  जानिए 

AstroRakesh     Astrologer     Astrology 

 दोस्तो नमस्कार ….

आज के ब्लॉग में मैं लिखने जा रहा हूं कि पितृ दोष के लक्षण कौन से होते हैं और आप कैसे पहचान सकते हैं कि आपके जीवन में पित्र दोष है या नहीं।
 जैसा कि मैंने अपने पिछले ब्लॉग में लिखा था जिसका विषय पित्र दोष था। उसमें मैंने यह बताया था कि पित्र दोष क्या होता है पर इसे कैसे पहचाने इसके लिए मैं आज का ब्लॉग लिख रहा हूं। पितृ दोष जैसा मैंने आपको बताया कि “पूर्वजों द्वारा अपने वंशजों को दिए जा रहे कष्ट को ही पितृ दोष कहते है।” पूर्वज यदि किसी वजह से नाराज है। उनकी नाराजगी की कई वजह हो सकती है। 
अपने वंशजों द्वारा अनादर होना,अपने माता-पिता को कष्ट देना और उनका दुखी होकर के इस जीवन को अलविदा कहना, 
पूर्वजों के श्राद्ध में कोई कमी रह जाना, 
घर में या कुल में किसी की मृत्यु हुई हो या आकस्मिक मौत हुई हो तो उसका तर्पण सही ढंग से ना हो पाना, 
उनका पिंडदान न हो पाना, उनकी अंतिम क्रिया से जुड़े कार्यों में कमी रह जाना,
 आपके पूर्वज या आपके कुल देवी देवताओं का रूठ जाना और उनके रुठने का कारण उनको सम्मान ना देना, उनका अनादर करना।
 
 पर जन्म के बाद भी हम कुछ ऐसे कार्य कर जाते है। इस बात को ध्यान से पढ़िए दोस्तों जन्म के बाद भी हम ऐसे कुछ कार्य कर जाते हैं जिनसे हमारे ऊपर पितृदोष के असर होने लग जाते है हमारे पूर्वज हमसे रूठ जाते हैं हमारी कुल देवी देवता हमसे रुठ जाते है जिसकी वजह से हमें पितृदोष का सामना करना पड़ता है यानी कि उनकी नाराजगी का सामना करना पड़ता है।
 ऐसे कार्य हो जाते हैं हम से मैं आपको पहले बता दूं जैसे कि हमने उनका अनादर कर दिया, पूर्वजों का या अपने कुल देवी देवता का, या हमारे यहां पर जो परंपराएं चली आ रही है हमने उन परंपराओं को तोड़ दिया और उन परंपराओं का अनादर किया, हमने अपने शुभ कार्य में अपने कुल देवी देवता को नहीं याद किया, अपने पूर्वजों को नहीं याद किया, अपने गोत्र का उच्चारण नहीं किया, हमने उनका अपमान किया, उनका श्राद्ध नहीं किया, उनके पिंडदान नहीं किये।
 इस तरह की तमाम ऐसी चीजें हो जाती है हमसे या हमारे परिवार में किसी की मृत्यु हो गई हो अचानक और हमने उनका अंतिम क्रिया का तर्पण, पिंडदान, उनकी अंतिम क्रिया से जुड़े हुए कार्य को सही विधिवत तरीके से नहीं किया। तब भी हमें पितृदोष का सामना करना पड़ता है जो कि आपकी कुंडली में तो नहीं दिखेगा पर उसके लक्षण आपके जीवन में दिख रहे होंगे । लक्षणों के बारे में मैं आगे लिख रहा हूं पर तू मैं यह कहना चाहता हूं कि आप ऐसे कोई कार्य ना कीजिए अपने जीवन में जिससे आपके पूर्वज, आपके कुल देवी देवता, एक तरह से आपके केयरटेकर का अपमान हो या वह नाराज हो ।आपको उनकी नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है।
 आप भले ही इस ज्योतिष विद्या में विश्वास करें या ना करें यह आपका निजी विषय है। मैं इस बारे में आपको कुछ भी नहीं कहूंगा परंतु मैं यह कहना चाहता हूं आप विश्वास ना करें तो भी अपने पूर्वजों को या जिन परंपराओं को वह चलाते आ रहे है। उन परंपराओं का अपमान ना करें उन्हें ना तोड़े तथा अपने कुल देवी देवताओं का आदर सत्कार करें। अपने जीवन में घटने वाली सभी सुखमय घटनाओं के लिए उन्हें धन्यवाद करें और कुछ गलत घटनाओं के घटने के बाद उनसे क्षमा याचना करें। इस तरीके से आप अपने जीवन में एक पित्र दोष उत्पन्न करने से बच सकते हैं। अब मैं आपको मुख्यता क्रमबद्ध तरीके से यह बताऊंगा कि आपके जीवन में पित्र दोष है या नहीं। यह आप कैसे पता कर सकते हैं और लक्षण क्या-क्या होंगे। यह मैं आगे लिख रहा हूं।
 आपके जीवन में होने वाली घटनाओं से पहचाने कि आपके जीवन में पित्र दोष है या नहीं 
पितृ दोष के लक्षण…..

1.  घर में बार-बार झगड़े होना …
 यदि किसी जातक के घर में बार-बार झगड़े होते है। छोटी-छोटी बातों पर झगड़े होते है।, मां बाप से विचार ना मिलना, मतभेद रहना, भाई से झगड़ा होना, पत्नी से झगड़ा होना, आप के हर प्रयास करने के बावजूद झगड़े होना, अपना पक्ष बहुत सुलझे हुए तरीके से रखना हो फिर भी फिर भी क्लेश का घर के अंदर रहना, जब वह व्यक्ति अपने घर परिवार के सदस्यों से दूरी बनाता है तो झगड़े समाप्त हो जाते हैं परंतु उसके उनके संपर्क में आते ही फिर से वैचारिक मतभेद और झगड़े होना बार बार होना छोटी-छोटी बातों पर भी बहस हो जाना। यह दर्शाता है कि आप के जीवन में पितृदोष है क्योंकि पितृ आपको परिवार के साथ एक तालमेल नहीं बैठाने देंगे। उन्हें आपको मानसिक प्रताड़ित करना है क्योंकि वह आपसे नाराज है। अगर इस तरह की घटनाएं लंबे वक्त तक रहती है। सभी उपाय करने के बावजूद रहती है। तभी यह लक्षण पितृदोष का लक्षण माना जाएगा अन्यथा और भी कई कारण होते है ज्योतिष में जिनसे घर में कलेश होते हैं और कुछ उपायों के बाद वह क्लेश होना बंद हो जाते हैं या उनमें काफी कमी आ जाती है परंतु सभी उपाय करने के बाद हर तरीके के उपाय करने के बाद, ज्योतिषी उपाय करने के बाद, आपके अपने तरीके से सभी प्रयास करने के बावजूद क्लेश लंबे समय से लगातार चले ही जा रहे हैं तब हम इसे पितृदोष का लक्षण मानेंगे।
       
     
जैसा कि आपको कभी यह लगता हो कि आर्थिक स्तिथि में कमी है, मेरे पास पैसे नहीं है, मैं कमा रहा हूं पर मेरे खर्चे मेरी कमाई से कहीं ज्यादा है इस वजह से क्लेश हो रहे हैं परंतु कुछ समय बाद आपने यह महसूस किया कि अब आपकी कमाई बढ़ चुकी है दोगुनी हो चुकी हैं आपके खर्चे अब आधे से भी कम रह गए हैं परंतु क्लेश वहीं के वहीं मौजूद है। इस तरह की परिस्थितियों पर ही हम यह कहेंगे कि बार-बार लंबे वक्त तक सभी प्रयास विफल हो जाए और घर में कलेश बना रहे तब यह पितृदोष का लक्षण होता है क्योंकि उन्होंने कुटुंब में अशांति करनी होती है क्योंकि वह नाराज है । हमें अपने बड़े बुजुर्गों अपने पूर्वजों की नाराजगी को दूर करके उनका आशीर्वाद लेना चाहिए। इस तरीके से हम दोष समाप्त कर सकते हैं और अपने पितरों का, अपने पूर्वजों का, अपने कुल देवी देवताओं का आशीर्वाद पा सकते हैं। ऐसे अभी कई और तमाम कारण हैं जिनके बारे में मैं आगे लिख रहा हूं। यदि यह ब्लॉग लंबा हो जाए तो आप इसका अगला ब्लॉक पढ़ लेना क्योंकि ज्यादा विस्तार में अपनी बातें बताने की वजह से ब्लोग लंबा हो जाता है तो मैं आगे इस ब्लॉग को  पूरा करूंगा । 
अगले पेज पर अब हम बात करते हैं पितृदोष के अगले लक्षण की जो आपके जीवन में घटनाएं घट रही है उनसे कैसे पता लगाए चलिए अब पढ़ते हैं पितृदोष के अगले लक्षण के बारे में…..
आगे और भी है…….

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